सोमवार, 20 जून 2011

शैक्षणिक ईमारतो में सीढियों के लिए भारत की राष्ट्रीय ईमारत सहिंता (सुरक्षा संबधित कुछ धाराएं)




आपत्ति की परिस्थितियों में भारत की कई पाठशालाओ और शैक्षणिक संकुलो की ईमारतो की सीढियाँ जोखमी दिखाई देती है| उनमे कई सीढियों की संरचना शंकास्पद है , निकास के वक्त मार्ग में अवरोध रूप दिखाई देती है|
भारतीय मानांक ब्यूरो (बी.आई.एस) द्वारा प्रकाशित राष्ट्रीय ईमारत संहिता (नेशनल बिल्डिंग कोड - एन.बी.सी )एसपी-:२००५ के नाम से जानी जाती हैउसमे सीढ़ीयो के बारे में कई शिक्षाप्रद धाराएं है जो शैक्षणिक ईमारतो पर लागू तथा पूरे देश में अमल करने योग्य है| हमने कुछ जानकारी इकट्ठा की है जो निम्नलिखित है|

Ø ईमारत में से विशेष मंजिल खाली करने की रचना (प्रकार-) में से . मिनट में,(प्रकार-) में से . मिनट में,(प्रकार-) में से मिनट में और (प्रकार-) के लिए कुछ निश्चित नहीं है|

Ø हर एक मंजिल १५ मीटर से ज्यादा ऊँची और ५०० चोरस मीटर² से ज्यादा क्षेत्रफल हो उस ईमारतो के लिए
o कम से कम दो सीढियाँ
o वो बंद प्रकार की होनी चाहिए
o कम से कम एक सीढ़ी ईमारत की बाहर की दीवार के बाहर के तरफ होनी चाहिए
Ø बहार के दरवाजे
o एक भी बाहर निकलने का दरवाजा १००० मि.मी.से छोटा नहीं होना चाहिए|
o एक्जिट दरवाजे बाहर की तरफ ही खुलने चाहिए|
o एक्जिट दरवाजे सीधे सीढियों में नहीं खुलने चाहिए हर एक दरवाजे से सीढियों की तरफ खुलने वाले रास्ते पर कम से कम एक दरवाजे की चौड़ाई जितना लेंडिंग पेसेज होना चाहिए और इस पेसेज का लेवल उस मंजिल के लेवल जितना होना चाहिए|
o बाहर जाने का दरवाजा पास में से खुल सके,ऐसा होना चाहिए जिससे चाबी का उपयोग करने की जरुरत हो|
Ø जहाँ कोरिडोर और पेसेज के रास्ते में से सीढियाँ निकलती हो,उस कोरिडोर और पेसेज की ऊंचाई . मीटर से कम नही होनी चाहिए|
Ø लोबी,पेसेज और सीढ़िया जैसे बहार निकलने के हर एक रास्ते से साफ हवा का आना-जाना रहे|
Ø आंतरिक सीढ़ियों के लिए नीचे दी गई बातो का खयाल रखना चाहिए:
o वो दहनशील पदार्थ से बनी नहीं बनी होनी चाहिए|
o वो स्वायत एकम जैसी बंद हो,और उसकी एक तरफ बाहरी दीवार होनी चाहिए|
o उसकी व्यवस्था लिफ्ट शाफ्ट के आसपास नहीं होनी चाहिए|
o वो खोखले ,दहनशील पदार्थ से बनी नहीं होनी चाहिए|
o उसके साथ गैस की पाइप या बिजली के तार नहीं होने चाहिए|
o डक्टिंग एक घंटे का फायर रेटिंग प्रदान करे तो डक्टिंग लो|
o नीचे दिए गए हुए परिमाण होने चाहिए:
§ सीढ़ियों की लघुत्तम चौड़ाई = . मीटर
§ एक कदम की लघुत्तम चौड़ाई = ३०० मिलीमीटर
§ दो कदम के बीच का महत्तम अंतर = १५० मिलीमीटर
§ हर चढ़ान पर ज्यादा से ज्यादा १५ कदम
§ हेंडरेईल की ऊंचाई . मीटर
§ सीढ़ि से छत का अंतर यानि हेडरूम कम से कम . मीटर

o सीढ़ी में लेन्डिंगस के बिच के चढ़ान की रचना उस मंजिल पे रहेते हुए लोगो की महत्त
संख्या को ध्यान में रखके आवरित करें
o आग लगने का जोखिम रखती हुई कोई भी जगह सीधा सीढियों में नहीं खूलनी चाहिए
o सीढियों की बहार की तरफ के एक्जिट दरवाजे जमीन तल पे होने चाहिए और
जरुरत पड़ने पर खुली जगह या विशाल मैदान में खुलने चाहिए|
o मुख्य सीढ़ी जमीन से छत तक अविरत होनी चाहिए
o दहनशील सजावट नहीं होनी चाहिए
o एक्जिट संकेत स्पष्ट रूप से दिखाई देने चाहिए
o हर एक मंजिल को दर्शित किया हुआ होना चाहिए
Ø सीढियों के प्रेसराइजेसन के बारे में ध्यान रखना चाहिए| इसका मतलब ऐसा हुआ कि आग के फैलने को रोका जा सकता है परन्तु धुआं और ज़हरिले गैस के संपर्क को टाला नहीं जा सकता| सुरक्षित रास्ते के लिए सुरक्षित मार्ग से धुआं और ज़हरिले गैस का नाश होना जरुरी है; इसलिए बहुमाली ईमारतो में सीढियों के रास्तो के दबाव को बढ़ाने के लिए बनावटी ताज़ी हवा को दाखिल कर सकते है|

Ø बहुमाली ईमारतो में बाह्य सीढ़िया आवश्यक है ,और जब प्रदान की हुई हो तब निम्नलिखित अनुपालन करे|
o सभी बाहरी सीढ़ीया सीधा जमीन में उतरनी चाहिए |
o बाहर की सीढ़ीयो का प्रवेशद्वार अलग ,और आंतरिक सीढ़ीयो से दूर होनाचाहिए|

o सीढियों के रास्ते में दरवाजा या खिड़की के किवाड़ खुलने नहीं चाहिए|
o ईस्तमाल करने लायक स्थिति में रखा जाना चाहिए|
o रास्ते में कोई अड़चन नहीं होनी चाहिए| सीढ़िया गैर दहनशील पदार्थो से बनी होनी चाहिए और उसकी तरफ जाने वाले कोई भी दरवाजे पर अग्निशामक होने चाहिए|
o कोई भी बाहरी सीढिया क्षैतिज से ४५ डिग्री से ज्यादा कोना रखे उसी तरह रखनी चाहिए|
o कुछ आयाम
§ लघुत्तम चौड़ाई = १२५० मिलीमीटर
§ एक कदम की लघुत्तम चौड़ाई = २५० मिलीमीटर
§ दो कदमो के बीच में महत्तम अंतर १९० मिलीमीटर
§ हर मंजिल पर ज्यादा से ज्यादा १५ कदम
o चक्राकार सीढ़ीया लगा सकते है पर वो
§ कम भार क्षमता के लिए डिजाईन की गई हो
§ ९ मीटर से ज्यादा ऊँची न हो ऐसी ईमारतो मे
§ १५०० से कम व्यास न हो
§ सर से पर्याप्त ऊंचाई हो
ऊपर दिए गए हुए अंक भारत की राष्ट्रीय ईमारत संहिता में से सीधे उद्धृत किये गए है और वो शैक्षणिक ईमारतो में निकास के लिए सलामत सीढियाँ डिज़ाइन करने में उपयोगी हो सकते है|
इस अंक में कुछ धाराए है,जेसे की ये जिसमे सुधार जरुरी है| सुधार की कोई सीमा नहीं होती है और अन्य आँतरराष्ट्रीय धाराओं (कोड )को ध्यान में रखके इसमें संशोधन के रूप में सुधार कर सकते है|