गुरुवार, 9 फ़रवरी 2012

हमारे हाल के कुछ कार्य


हालांकि भारत में क्वेकस्कूल का यह प्रथम वर्ष घरेलु माहौल में कठिन मालूम हुआ, वहाँ हमने कुछ उपयोगी सबक सीखा है जो यादगार है|काम चिंतनशील किया गया है,ज्यादातर मजबूत तथ्य यह है कि बार बार दुहराने वाला इंजीनियरिंग का प्रयास,चाहे कही बहार भी किया जाता है,तो परियोजना की लागत काफी कम करने में मदद हो सकती है| यह प्रयासों डिजाइन और इसके कार्यान्वयन में भी नेतृत्व दे सकते है,उसी समय हमने हमारी परियोजनाओ में अवधि के स्थायित्व को समझने की कोशिश की|


हमने हाल ही में हमारे ग्राहकों के लिए किये गए कार्य आधारित कुछ निष्कर्ष निकले थे, इनमें से यह तीन दिलचस्प थे|
१. सामख्याली, गुजरात में एक सौर संयंत्र की नींव के लिए डिजाइन (क्लिक)
२. एक बांस संरचना नागपुर, महाराष्ट्र (क्लिक) के डिजाइन विश्लेषण
3. अहमदाबाद शहर में एक जमीन से अधिक दस मंजिला संरचना के मूल्य इंजीनियरिंग, विश्लेषण, गुजरात (क्लिक)


सामख्याली एक आगामी बिजली उत्पादन संयंत्र परियोजना है जिसको सौर ऊर्जा पर चलाया जायेगा| उसके महत्वपूर्ण घटकों में से एक संयंत्र की संरचनात्मक नींव है जिस पर इसकी पैनले और असेंबली लगेगी| परियोजना हमारे लिए भारत और अमेरिका के मिकेनिकल और इंस्ट्रूमेंन्टेशन इंजीनियरों के साथ काम करने का एक मौका था|वहाँ हमने एक टीम के रूपमें एक साथ छह हजार की संख्या के नींव यूनिटों के आकर को कम करने का काम किया,इसलिए उसकी लागत को भी कम कर सके|


हमने वन्डरग्रास के साथ एक पूरी तरह से अलग संरचनात्मक डिजाइन का व्यायाम किया वन्डरग्रास जिससे बांस की पंद्रह प्रजातियो में से एक,जो घरो के निर्माण में उपयोगी है जिसका नाम डेन्ड्रोकालामस स्ट्रिकट्स (अथवा डी-स्ट्रिकट्स)है उससे हमारा परिचय हुआ| हमने वन्डरग्रास के द्वारा बनाये हुए विशिष्ट आवास से इस बांस की संरचनात्मक पर्याप्त मात्रा का परिक्षण किया| हमने फिर से सीखा किग्रामीण क्षेत्र में महत्वपूर्ण अवसर और सरकारी नीतियां होने के बावजूद भी अनुसंधान और आवास सामग्री के रुपमे बांस के उपयोग को बढ़ावा देने में यह अभी भी पूरी तरह से सफल नहीं हुए है| इसका मुख्य कारण यह है की,शोधकर्ताओ और ईमारत चिकित्सको सहित ज्यादातर लोग बांस को गैर टिकाऊ और अप्रचलित सामग्री मानते है,और बड़े पैमाने पर घरके निर्माण होने के कारण वैकल्पिक सामग्री केरुपमे उसकी बहुमुखी प्रतिभा को अनदेखा किया जाता है| इस परियोजना की जानकारी इस लिंक (क्लिक ) पर उपलब्ध है|


दस मंजिला इमारत परियोजना के द्वारा हमने अहमदाबाद शहर की एक उच्च वृद्धि ईमारत का कम्प्यूटर आधारित ३-डी विश्लेषण का आयोजन किया| यह उच्च वृद्धि संरचना अतिरिक्त तन्य-शक्ति के लिए सीमेन्ट और एम्बेडेड स्टील से बना हुआ था जो इन सब सामग्रीयो में सबसे बहुमूल्य सामग्री है| इस प्रकार का निर्माण उसकी लचीलेपन और प्राथमिक सामग्री की वजह से लगभग सभी विकासशील देशो में देखने को मिलता है| इन्जिनियरिंग सुरक्षा सुनिश्चीत करने और लागत को कम करने का यह एक रास्ता है और यहाँ हमारा उद्देश्य 'मूल्य इन्जिनियरिंग दृष्टिकोण' से इस संरचना का विश्लेषण करना था इसलिए हम अपने मूल सामग्री की खपत की जाँच करके अपनी लागत कम कर सके| इस परियोजना की जानकारी को इस लिंक (क्लिक) से खोज कर सकते हो|


इन लघु परियोजनाओ का कार्य किया तब हमें यह महसूस हुआ कि हमने डिजाइन किये ईमारत की संरचना या हमने उपयोग कि हुई सामग्री चाहे कितनी भी हो, जो उसका बुद्धिपूर्वक इन्जिनियरिंग उपयोग किया जाये तो इससे लागत कम करने के आलावा टिकाऊपन के मुद्दे का भी हल निकालने में मदद हो सकती है,जो इस स्तर पे सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से योग्य है|

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