शनिवार, 5 मई 2012

१८ सितम्बर-२०११ भूकंप के अद्यतन (अद्यतन: २९ अप्रैल २०१२)

सांगखोला स्कूल की प्रगति धीरे पर मजबूत है| यह धीमी प्रगति ज्यादातर रिइन्फोर्सड सिमेन्ट कोंक्रिट (भारत में आर.सी.सी के नाम से जाना जाता है|)  नाम की सामग्री  से काम करने वाले  लोगो के उपलब्ध होने की वजह से है| शिक्षा विभाग ने सिर्फ आर.सी.सी की मदद से ही नई इमारातो के निर्माण की इच्छा ज़ाहिर की है, और इस काम को  हम जल्द से जल्द पूरा करे उसके लिए उत्सुक है| यह अच्छी तरह से समझ में आ रहा है और स्थापित है कि इस भूकंप के दौरान हुए नुकसान मुख्य रूप से ढीली मिट्टी, प्रति धारण दीवारे , अपर्याप्त डिज़ाइन और विशेष रूप से आर.सी.सी के जोड़ो के कारण था|  कई मामलो में मिट्टी को ठीक से नहीं जमा किया गया था| थोड़े मामलो में जमीन को समतल बनाने के लिए दूसरी जगह से मिट्टी लेकर भरा हुआ था और अपूर्ण  प्रतिधारण दिवारे थी|  अपर्याप्त ढीले संस्थापक जमीन के कारण संरचनाओ को बड़े झटकों से गुजरना पड़ा और सिक्किम की इमारतों में अच्छी गुणवता के निर्माण होने के बावजूद भी राज्य में ज्यादा नुकसान पाया गया| डिज़ाइन पे अपर्याप्त ध्यान भी इस भूकंप में हुए नुकसान का अन्य कारण था|
अब, एक संशोधित परियोजना की योजना के अनुसार नींव का काम मई महीने के मध्य तक पूरा हो जाएगा और अन्य संरचनात्मक काम की परिकल्पना जून महीने के मध्य तक हो जाए  ऐसी हम उम्मीद करते है| नींव के काम की तस्वीरे यहाँ देखे (लिंक) | यहाँ आर.सी.सी स्तंभ के लिए उच्च ठोस नींव के बनाने की तैयारी की जा रही है|
हम ठेकेदार की कार्यक्षमता को तकनिकी और प्रबंधिकीय दोनों क्षेत्रो में समर्थ बनाने के लिये देख रहे है| इसके लिये हमें और ज्यादा अनुभवी इंजिनियर टीम की जरुरत पड़ी| सीड्स के नेतृत्व में से राकेश है उनके साथ गुज़रात के पाटनका गाँव से कारीगर रमेश वहाँ पर पुनःनिर्माण में मदद के लिये है|
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इसके अलावा, पूर्वी जिले में क्षतिग्रस्त तीन स्कूल के परिसर में इमारतों के पुनःनिर्माण के कार्य की तैयारियाँ चल रही है| इसके अलावा हम भविष्य में होने वाली अत्यधिक घटनाओ के समय स्कूल परिसर में जीवन सलामती के पहलू, स्कूल परिसर में स्थानीय पर्यावरण बुनियादी सुविधा के निर्माण को सुधरने के लिये निर्माण और समुदाय की भागीदारी को शामिल करने की कोशिश कर रहे है|

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